Aap Jaisa Koi Review – अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें लगता है कि अब सच्चा प्यार फिल्मों में ही मिलता है, तो नेटफ्लिक्स की नई फिल्म ‘आप जैसा कोई’ आपको जरूर देखनी चाहिए। R माधवन और फातिमा सना शेख की ये फिल्म पुराने जमाने के इश्क की खुशबू भी देती है और आज के दौर के उलझे रिश्तों का सच भी दिखाती है। आइए जानते हैं क्या खास है इस कहानी में, जिसे देखकर आप खुद सोच में पड़ जाएंगे कि क्या सच में ऐसा प्यार होता भी है या नहीं!
शिरिनु त्रिपाठी की कहानी – अकेलेपन से मोहब्बत तक
‘आप जैसा कोई’ की कहानी शुरू होती है शिरिनु त्रिपाठी से। शिरिनु पेशे से संस्कृत का अध्यापक है, उम्र 42 साल हो चुकी है, लेकिन अब तक अकेला है। दोस्त हैं, परिवार है लेकिन दिल से कोई ऐसा नहीं जिससे वो अपने मन की बातें खुलकर कर सके। यही तलाश उसे जमशेदपुर से कोलकाता ले जाती है, जहां उसकी मुलाकात होती है मधु बोस से – एक फ्रेंच टीचर, जो अपनी जिंदगी में बिल्कुल अलग और बिंदास है।
जब मिलता है प्यार, पर शर्तों के साथ!
फिल्म में शिरिनु और मधु का रिश्ता धीरे-धीरे पनपता है। पहली नजर में दोनों की बॉन्डिंग आपको पुराने हिंदी फिल्मी इश्क की याद दिला देगी – किताबों में बात, कॉफी शॉप में लंबी बहसें, लंबी वॉक पर इमोशनल बातें। लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, आपको पता चलता है कि ये कोई परीकथा वाला प्यार नहीं है। यहां प्यार के साथ शर्तें हैं, Ego है और वही सवाल जो आज के हर रिलेशनशिप में होता है – एडजस्टमेंट कौन करेगा?
माधवन की एक्टिंग – एक मॉडर्न लेकिन पितृसत्ता वाला मर्द

R माधवन ने शिरिनु त्रिपाठी का किरदार बड़ी सहजता से निभाया है। बाहर से देखने पर लगता है कि शिरिनु एक प्रोग्रेसिव मर्द है – मॉडर्न सोच, लिबरल बातें – लेकिन जैसे ही वो मधु के साथ रिश्ते में बढ़ता है, उसकी असली सोच सामने आने लगती है। वो मधु को आज़ादी देता है लेकिन उसी आज़ादी के साथ अपनी शर्तें भी जोड़ देता है। कई सीन में माधवन का किरदार आपको अपने आसपास के उन लोगों की याद दिला देगा, जो खुद को बहुत मॉडर्न मानते हैं लेकिन असल में कहीं न कहीं पुराने ख्यालात से ही बंधे होते हैं।
मधु बोस – मासूम लेकिन बागी
फातिमा सना शेख ने मधु बोस के किरदार को बेहद खूबसूरती से जिया है। उसकी मासूमियत और बागी स्वभाव का कॉम्बिनेशन फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। मधु कब नाजुक सी लड़की लगती है और कब खुद के लिए खड़ी हो जाती है, ये देखना दिलचस्प है। एक सीन में जब वो शिरिनु के दोगलेपन को आईना दिखाती है, तो वो डायलॉग सीधे दिल पर लगता है।
डायरेक्शन – विवेक सोनी का अलग अंदाज

डायरेक्टर विवेक सोनी इससे पहले ‘मीनाक्षी सुंदरेश्वर’ जैसी प्यारी सी लव स्टोरी बना चुके हैं। इस बार भी उन्होंने उसी इमोशनल टोन को बरकरार रखा है। फिल्म देखते वक्त ऐसा लगता है जैसे कोई आपको धीरे-धीरे एक लव लेटर पढ़कर सुना रहा हो – हर सीन, हर डायलॉग बहुत सोच-समझकर रखा गया है। लेकिन कहानी का असली गेम क्लाइमैक्स में होता है, जब आपको लगने लगता है कि क्या सच में किसी के पितृसत्ता वाले सोच को तोड़ने के लिए हमें किसी और को दुख देना जरूरी है?
इमोशंस और सवाल – दोनों का बैलेंस
‘आप जैसा कोई’ में रोमांस है, तकरार है और वो सारे सवाल हैं जिनसे आजकल के कपल्स रोज जूझते हैं। क्या प्यार सिर्फ दो लोगों का मामला होता है या उसमें फैमिली, सोसाइटी, Ego और एक्सपेक्टेशन भी आते हैं? फिल्म इन सवालों को बिना भारी-भरकम डायलॉग्स के बहुत हल्के अंदाज में सामने रखती है। शायद यही वजह है कि कई लोग खुद को इस कहानी में ढूंढ पाएंगे।
कमजोर कड़ियां – क्या खटकता है?
हालांकि फिल्म पूरी तरह परफेक्ट नहीं है। कुछ जगहों पर कहानी ज्यादा ही कल्पनाओं में खो जाती है – खासकर कुछ सीक्वेंस जो असल जिंदगी में इतने आसान नहीं लगते। बीच-बीच में कुछ सीन खिंचे हुए लगते हैं, जो दर्शक का ध्यान थोड़ा भटका सकते हैं। लेकिन इन कमियों के बावजूद फिल्म आपको आखिर तक बांधकर रखती है।
क्यों देखें ये फिल्म?

अगर आप वो दर्शक हैं जो मारधाड़, हाई ड्रामा या ट्विस्ट-ऑफ-ट्विस्ट देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है। लेकिन अगर आपको सच्चे रिश्तों की गहराई, उलझन और समझदारी भरी कहानियां पसंद हैं तो ‘आप जैसा कोई’ आपके लिए बनी है। इसमें आपको पुराने जमाने वाला रोमांस मिलेगा, आज की उलझनें मिलेंगी और साथ में वो सवाल भी जो शायद आपको खुद से पूछने पर मजबूर कर देंगे।
क्या सीख देती है ‘आप जैसा कोई’
फिल्म का मेसेज साफ है – प्यार में सिर्फ फूल और चॉकलेट नहीं होते, इसमें Ego, समझौते और आज़ादी की सही परिभाषा भी शामिल होती है। कोई भी रिश्ता तभी टिकता है जब दोनों अपनी-अपनी शर्तों को छोड़कर एक-दूसरे को समझें। वरना फिर वही होता है जो शिरिनु और मधु के बीच होता है – प्यार तो होता है, लेकिन खुशियां कहीं खो जाती हैं।
Aap Jaisa Koi Review – देख डालिए, रिश्तों को फिर से समझिए!

कुल मिलाकर ‘आप जैसा कोई’ उन फिल्मों में से है जिसे देखकर आप थोड़ी देर के लिए अपनी भी लव लाइफ के बारे में सोचने लगेंगे। R माधवन और फातिमा सना शेख की एक्टिंग इसे और खास बनाती है। तो अगली बार जब आप नेटफ्लिक्स पर कुछ देखने के लिए स्क्रॉल करें, तो ‘आप जैसा कोई’ को अपनी लिस्ट में डाल लीजिए।
डिस्क्लेमर: Aap Jaisa Koi Review लेखक की अपनी राय है। फिल्म देखने के बाद आपका अनुभव अलग हो सकता है। कोई भी राय बनाने से पहले खुद फिल्म देखें और तय करें कि आपको इसमें क्या खास लगा और क्या नहीं।