Vikrant Massey National Award : साधारण से असाधारण तक का सफर

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Vikrant Massey National Award : साधारण से असाधारण तक का सफर

Vikrant Massey National Award – भारतीय सिनेमा में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो रातों-रात स्टार नहीं बनते, बल्कि अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा से धीरे-धीरे दर्शकों के दिलों में जगह बनाते हैं। विक्रांत मैसी उन्हीं में से एक हैं। एक ऐसा अभिनेता जिसने बिना किसी फिल्मी पृष्ठभूमि के, बिना बड़े कनेक्शन के, सिर्फ अपने टैलेंट और जुनून के दम पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। हाल ही में, उन्हें उनकी शानदार अभिनय क्षमता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसने न सिर्फ उनके करियर को नई ऊंचाई दी बल्कि यह साबित किया कि असली प्रतिभा कभी अनदेखी नहीं होती।

यह सम्मान पाने के बाद विक्रांत ने जो भावनाएं व्यक्त कीं, वो उनकी सादगी और ईमानदारी को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि उन लाखों लोगों का है जो बिना किसी सपोर्ट सिस्टम के अपने सपनों के लिए संघर्ष करते हैं।” आइए, विस्तार से जानते हैं कि कैसे एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले इस लड़के ने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया और यह पुरस्कार उनके लिए क्यों खास है।

विक्रांत मैसी का प्रारंभिक जीवन और संघर्ष

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Vikrant Massey National Award : साधारण से असाधारण तक का सफर

Vikrant Massey का जन्म 3 अप्रैल 1987 को मुंबई के एक साधारण मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उनके पिता एक इंजीनियर थे और माँ एक हाउसवाइफ। बचपन से ही उन्हें एक्टिंग का शौक था, लेकिन उस समय उनके परिवार के लिए यह सोचना भी मुश्किल था कि उनका बेटा एक दिन बॉलीवुड का जाना-माना अभिनेता बनेगा।

विक्रांत ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविज़न धारावाहिकों से की। उन्होंने “दीदी नंबर वन”, “बालिका वधू” और “घर की लक्ष्मी बेटियां” जैसे शोज़ में काम किया। इन शोज़ ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई, लेकिन विक्रांत का सपना बड़ा था। वह फिल्मों में काम करना चाहते थे।

फिल्मी करियर की शुरुआत और चुनौतियाँ

विक्रांत ने फिल्मों में कदम रखा, लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें छोटी-छोटी भूमिकाएँ ही मिलीं। 2013 में आई फिल्म “लूटेरा” में उन्होंने एक छोटा-सा रोल किया, लेकिन उनकी एक्टिंग ने लोगों का ध्यान खींचा। इसके बाद, 2015 में आई फिल्म “दिल धड़कने दो” में उन्हें मुख्य भूमिका मिली। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाई नहीं कर पाई, लेकिन विक्रांत के अभिनय की सभी ने तारीफ की।

धीरे-धीरे, विक्रांत ने अपनी एक अलग पहचान बनानी शुरू की। 2016 में आई फिल्म “अ लव स्टोरी” में उन्होंने एक ऐसे युवक की भूमिका निभाई जो प्यार में पागल हो जाता है। इस फिल्म में उनकी एक्टिंग ने दर्शकों को हैरान कर दिया। 2019 में आई फिल्म “चित्ठा” में उन्होंने एक ऐसे शख्स का किरदार निभाया जो अपने बचपन के दर्द को भूल नहीं पाता। यह फिल्म भी काफी सराही गई।

“12वीं फेल” – वह फिल्म जिसने बदल दी विक्रांत की जिंदगी

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2023 में आई फिल्म “12वीं फेल” विक्रांत मैसी के करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। यह फिल्म यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र मनोज कुमार शर्मा की सच्ची कहानी पर आधारित है, जो एक गरीब परिवार से आते हैं और कड़ी मेहनत से आईएएस अधिकारी बनते हैं।

विक्रांत ने इस फिल्म में मनोज कुमार शर्मा का किरदार इतने जीवंत तरीके से निभाया कि दर्शक उनके संघर्ष से जुड़ गए। उनकी एक्टिंग ने न सिर्फ आम लोगों का दिल जीता, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के आलोचकों ने भी उनकी तारीफ की। उनके डायलॉग, उनकी बॉडी लैंग्वेज और इमोशनल सीन्स ने सभी को प्रभावित किया।

इस फिल्म के लिए विक्रांत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार (Vikrant Massey National Award) मिला। यह पुरस्कार पाने के बाद उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा से किरदारों को दिल से जीने की कोशिश की है। यह पुरस्कार मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है।”

राष्ट्रीय पुरस्कार का महत्व और विक्रांत की उपलब्धि

राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च फिल्म सम्मान है। यह पुरस्कार किसी भी अभिनेता के लिए बेहद गर्व की बात होती है, क्योंकि यह सिर्फ बॉक्स ऑफिस सक्सेस नहीं, बल्कि कला और अभिनय की गहराई को पहचानता है।

विक्रांत मैसी को यह पुरस्कार मिलना इस बात का सबूत है कि असली कलाकारी कभी अनदेखी नहीं होती। उन्होंने साबित किया कि अगर आपमें प्रतिभा है और आप मेहनत करते हैं, तो आप बिना किसी बड़ी बैकग्राउंड के भी सफल हो सकते हैं।

विक्रांत मैसी की एक्टिंग स्टाइल और भविष्य की योजनाएँ

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विक्रांत मैसी की एक्टिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह हर किरदार को दिल से जीते हैं। चाहे वह “दिल धड़कने दो” का रोमांटिक लड़का हो या “12वीं फेल” का संघर्षशील छात्र, विक्रांत हर रोल को अपनी शैली देते हैं।

आने वाले समय में विक्रांत कई बड़ी फिल्मों में नजर आएंगे। उनकी फिल्म “फिराक” और “ब्लैक आउट” जल्द ही रिलीज़ होने वाली हैं। इन फिल्मों में भी उनके अभिनय की चर्चा हो रही है।

सपनों की जीत की मिसाल

विक्रांत मैसी का यह सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बिना किसी बड़ी पृष्ठभूमि के अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। उन्होंने साबित किया कि अगर आपमें प्रतिभा और मेहनत है, तो सफलता जरूर मिलती है। राष्ट्रीय पुरस्कार उनकी मेहनत और समर्पण का सही सम्मान है।

विक्रांत ने न सिर्फ एक अभिनेता के तौर पर, बल्कि एक इंसान के तौर पर भी लोगों का दिल जीता है। उनकी सादगी, मेहनत और ईमानदारी उन्हें बॉलीवुड का एक अलग ही स्टार बनाती है। आने वाले समय में विक्रांत से और भी बेहतरीन परफॉरमेंस की उम्मीद है।


अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सामग्री पर आधारित है। लेखक ने इसे सामान्य ज्ञान और जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया है। किसी भी प्रकार की त्रुटि या अशुद्धि के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होगा।

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